चुनिंदा एनबीएफसी में बैंकों की तर्ज पर आंतरिक लोकपाल होगा : दास…
मुंबई, 08 अक्टूबर। भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर करने के लिए चुनिंदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में शिकायतों के निपटान के लिए आंतरिक लोकपाल (ओम्बुड्समैन) योजना (आईओएस) की घोषणा की है। यह आईओएस बैंकों की तर्ज पर ही होगा और सेवाओं में खामियों की शिकायतों का समाधान करेगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। गवर्नर ने कहा, ”देशभर में एनबीएफसी के बढ़ते महत्व, मजबूती और पहुंच को देखते हुए ग्राहकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने तथा उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए लोकपाल की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में केंद्रीय बैंक ने एनबीएफसी में ग्राहकों के संरक्षण के कई उपाय किए हैं। 2013 में इस तरह के ऋणदाताओं से शिकायतों के निपटान के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति को कहा गया था। 2018 में एनबीएफसी के लिए लोकपाल योजना शुरू की गई थी।
गवर्नर ने कहा कि एनबीएफसी के आंतरिक शिकायत समाधान तंत्र को और मजबूत करने के लिए कुछ विशेष श्रेणियों की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए आंतरिक लोकपाल योजना पेश की गई है।
उन्होंने कहा, ”एनबीएफसी की आंतरिक शिकायत निपटान व्यवस्था में शीर्ष पर एक आंतरिक लोकपाल होगा। यह लोकपाल उन शिकायतों का समाधान करेगा जो सेवा की खामियों से संबंधित होंगी तथा जिन्हें एनबीएफसी ने पूरी तरह या आंशिक रूप से खारिज कर दिया होगा।”
दास ने कहा कि इस बारे में विस्तृत ब्योरा अलग से जारी किया जाएगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट